चंडीगढ़-जीरकपुर बाईपास परियोजना रिंग रोड के निर्माण की दिशा में निर्णायक कदम: गुलाब चंद कटारिया

Chandigarh-Zirakpur bypass Project
इस मार्ग के सभी हिस्सों की चौड़ाई को समान रूप से 6-लेन करने की मांग
-केंद्र सरकार से गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी की तर्ज पर चंडीगढ़ के लिए एक विशेष प्रोत्साहन ढांचे की मांग
-इसमें कर छूट, सब्सिडी, आईटी/ आईटीईएस (आईटी इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी इनेबल्ड सर्विसेज) के लिए प्रोत्साहन, और कम्पनीज एक्ट के अंतर्गत छूट शामिल करने को कहा
चंडीगढ़ स्किल डेवलपमेंट मिशन के अंतर्गत 6,700 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया जिसके लिए 6.15 करोड़ रूपये से अधिक का वित्तीय सहयोग मिला
नई दिल्ली/ चंडीगढ़: Chandigarh-Zirakpur bypass Project: नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग कौंसिल की शनिवार को नई दिल्ली के भारत मंडपन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसका मुख्य विषय था ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य ऐट 2047।’ बैठक में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए राज्यों के विकास पर विशेष चर्चा हुई। आयोग का मानना है कि राज्यों को मानव विकास, आर्थिक विकास, स्थिरता, प्रौद्योगिकी और शासन सुधारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने अद्वितीय भौगोलिक और जनसांख्यिकीय लाभों का लाभ उठाना चाहिए। बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उप राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के सदस्य शामिल हुए। सत्र की शुरुआत में पहलगाम आतंकवादी हमले में मरे लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। बैठक में शामिल चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग कौंसिल मीटिंग के अवसर पर चंडीगढ़ के लिए जीरकपुर बाईपास जैसी महत्वपूर्ण 6-लेन सडक़ परियोजना को मंजूरी देने के लिये केंद्र की सराहना की और कहा कि यह परियोजना चंडीगढ़ के चारों ओर एक रिंग रोड के निर्माण की दिशा में एक निर्णायक कदम है, जिससे क्षेत्रीय यातायात दबाव कम होगा। उन्होंने निवेदन किया कि इस मार्ग के सभी हिस्सों की चौड़ाई को समान रूप से 6-लेन किया जाए, ताकि सुगम, सुरक्षित और निरंतर यातायात सुनिश्चित हो सके। उन्होंने केंद्र सरकार से गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी) की तर्ज पर चंडीगढ़ के लिए एक विशेष प्रोत्साहन ढांचे की मांग की जिसमें कर छूट, सब्सिडी, आईटी/ आईटीईएस (आईटी इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी इनेबल्ड सर्विसेज) के लिए प्रोत्साहन, और कम्पनीज एक्ट के अंतर्गत छूट शामिल हों। उन्होंने कहा कि यह सहयोग चंडीगढ़ को आईटीईएस(आईटी इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी इनेबल्ड सर्विसेज) शिक्षा, कौशल विकास और हरित प्रौद्योगिकी के एक अग्रणी केंद्र के रूप में तीव्र गति से उभरने में सक्षम बनाएगा, जो समावेशी और सतत आर्थिक विकास को मजबूती प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में ओलंपिक वेल्यू एजूकेशन प्रोग्राम (ओवीईपी) को शामिल किया है, ताकि छात्रों में उत्कृष्टता, सम्मान और मैत्री जैसे मूल्यों का विकास हो सके। उभरते उद्योगों और हरित अर्थव्यवस्था से जुड़े कौशल से छात्रों को लैस करने के लिए जिओ-इन्फॉर्मेटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में कौशल आधारित कार्यक्रम भी आरंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 8,000 से अधिक छात्र तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि लगभग 3,500 छात्र औपचारिक और अनौपचारिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नामांकित हैं, जिनमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई)-4.0 भी शामिल है। चंडीगढ़ स्किल डेवलपमेंट मिशन के अंतर्गत 6,700 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिसके लिए 6.15 करोड़ रूपये से अधिक का वित्तीय सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना (पीएम-एनएपीएस) में लगभग 2,500 लाभार्थी शामिल हैं और प्रधानमंत्री इंटर्नशिप कार्यक्रम भी सक्रिय रूप से लागू किया गया है। उद्योग-शिक्षा साझेदारी के तहत मारुति सुजुकी और जैगुआर ने ऑटोमोबाइल और प्लंबिंग के क्षेत्र में मॉडल आईटीआई योजना के अंतर्गत अपनी प्रयोगशाला स्थापित और उन्नत की हैं। तेजी से बदलते रोजगार बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप जियो-इंफॉर्मेटिक्स जैसे उन्नत पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई है और ड्रोन तकनीक व सौर ऊर्जा जैसे भविष्य केंद्रित विषयों में पाठ्यक्रम विकसित किए जा रहे हैं। 70 प्रतिशत से अधिक इंजीनियरिंग और आईटीआई छात्र कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से विभिन्न औद्योगिक भूमिकाओं में नियुक्त हो रहे हैं, जबकि कला और वास्तुकला के छात्र स्वरोजगार और उद्यमिता में सफल करियर बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ आज 12.43 लाख की जनसंख्या का घर है। 13 गांवों के नगर निगम में शामिल होने और मास्टर प्लान 2031 के अनुरूप विकास के साथ शहर तेजी से सामाजिक, भौतिक और आर्थिक रूप से विकसित हो रहा है। हमारी प्राथमिकता हरित, समावेशी और सतत विकास है। चंडीगढ़ को ‘सिटी ब्यूटीफुल’ केवल इसके पार्कों के कारण नहीं कहा जाता, यह हर क्षेत्र में ‘ग्रे से ग्रीन’ की दिशा में अग्रसर है, चाहे वह हरित गतिशीलता हो, ऊर्जा कुशल भवन हो, या फिर स्वच्छ ऊर्जा। हम चंडीगढ़ को ग्रीन टेक्नोलॉजी के लिए राष्ट्रीय कौशल हब बनाना चाहते हैं और इसके लिए हम प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित करना चाहते हैं, जो युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करें।
क्षेत्रीय चिकित्सा हब विकसित करने के लिये हो रहा संवाद
प्रशासक ने कहा कि चंडीगढ़ में हम स्वास्थ्य और कल्याण को भी अत्यधिक महत्व देते हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने नीति आयोग के सहयोग से एक क्षेत्रीय चिकित्सा हब विकसित करने हेतु हितधारकों से संवाद की प्रक्रिया प्रारंभ की है। यह चिकित्सा हब न केवल तृतीयक चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि अकादमिक उत्कृष्टता और अनुसंधान को भी बढ़ावा देगा। इससे वर्तमान चिकित्सा संस्थानों पर भार कम होगा, विशिष्ट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी और चंडीगढ़ चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य पर्यटन में अग्रणी के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ ने सरकारी भवनों पर 100 प्रतिशत सौर रूफटॉप कवरेज लक्ष्य को दिसंबर 2025 की राष्ट्रीय समय सीमा से पहले ही पूरा कर लिया है। 89.689 मेगावाट की स्थापित क्षमता से अब तक 272.62 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हुआ है, जिससे 1.88 लाख मीट्रिक टन कार्बन फुटप्रिंट की कमी हुई है। चंडीगढ़ ने दिसंबर, 2025 के राष्ट्रीय लक्ष्य से बहुत पहले सरकारी भवनों के 100 प्रतिशत सौर रूफटॉप कवरेज लक्ष्य को प्राप्त करके खुद को एक अग्रणी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में स्थापित किया है। राष्ट्रीय सौर मिशन के तत्वावधान में मॉडल सोलर सिटी प्रोग्राम के एक हिस्से के रूप में, अब तक चंडीगढ़ में 89.689 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं। इन संयंत्रों के माध्यम से 272.62 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है, जिससे 1,88,107.8 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सफलता प्राप्त हुई है। हम ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने और लागू करने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं।
चंडीगढ़ ने वर्ष 2024 में गर्वपूर्वक देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 14.27 प्रतिशत ईवी पैठ के साथ चंडीगढ़ ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 14.82 प्रतिशत ईवी पैठ के साथ चंडीगढ़ दूसरे स्थान पर रहा। हालांकि, कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने 15.26 प्रतिशत ईवी पैठ के साथ फिर से देशभर में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। हमारा लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 18 प्रतिशत ईवी पैठ हासिल की जाए। शहर में 34 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, 20 ईवी चार्जिंग स्टेशन निजी वाणिज्यिक परिसरों में भी चालू हैं।
तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने वाला पहले केंद्र शासित प्रदेश
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, जिसने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू किया है। चंडीगढ़ ने 1 फरवरी 2025 से अपनी विद्युत वितरण प्रणाली का 100 प्रतिशत निजीकरण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, तकनीकी व वाणिज्यिक घाटों में कमी और प्रणाली की दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की आशा है।
सेक्टर 51 स्थित बुड़ैल जेल में एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की स्थापना की जा रही है। यह अभिनव पहल कैदियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें पुनर्वास और मुख्यधारा में पुन: शामिल करने का अवसर देगी। शुरूआत में यह संस्थान कैदियों को वुडवर्क टेक्नीशियन और सिलाई टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण देगा। इससे वे अपनी सजा पूरी करने के बाद अपने जीवन को सम्मानजनक और आत्मनिर्भर तरीके से आगे बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि बायोनेस्ट (बायो-इंक्यूबेटर्स नर्चरिंग एंटरप्रेन्योरशिप फॉर स्केलिंग टेक्नोलॉजी) और पीआई-आरएएचआई (पंजाब यूनिवर्सिटी एंड आईआईटी रोपड़-रीजनरल एक्सीलेटर फॉर होलीस्टिक इनोवेशन) जैसी पहलें उल्लेखनीय हैं। इनके माध्यम से 1,000 से अधिक छात्रों को सशक्त बनाने वाले क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। सियमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया के सहयोग से पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मैन्युफैक्चरिंग छात्रों कोऑटोमेशन, ऊर्जा और उन्नत निर्माण प्रौद्योगिकियों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है, जिससे इंजीनियरिंग शिक्षा को इंडस्ट्री 4.0 मानकों के अनुरूप ढाला जा रहा है। कॉलेजों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करने के लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उद्यमिता और निवेश को बढ़ावा देने के लिए चंडीगढ़ ने अनेक औद्योगिक सुधारों को लागू किया है। प्रशासक ने कहा कि औद्योगिक भूमि का जीआईएस-लिंक्ड डेटाबेस इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक से जोड़ा गया है जिससे पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित हो सके। डी-रेगुलेशन के तहत अब लोगों को कंसेंट टू एस्टाब्लिश और कंसेंट टू ऑपरेट के लिए लंबा इंतज़ार नहीं करना पड़ता क्योंकि स्वीकृति की अवधि काफ़ी हद तक कम कर दी गई है। उद्योगों को रीन्यूअल सर्टिफिकेट स्व-प्रमाणन व्यवस्था के तहत तत्काल जारी हो जाता है। उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु स्टार्टअप पॉलिसी 2025 को अधिसूचित कर दिया गया है, जो नवाचार, अनुसंधान, महिला उद्यमिता और शुरुआती वित्तीय सहायता को प्रोत्साहन देती है। व्यवसाय के अनुकू ल वातावरण को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, चंडीगढ़ प्रशासन ने दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को वर्षभर चौबीसों घंटे संचालित करने की अनुमति दी है। सेवाओं तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, चंडीगढ़ ने एक सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा 542 वाहनों की जीपीएस आधारित कचरा संग्रहण प्रणाली लागू की गई है, जिसे 1500 कचरा बीनने वालों के सहयोग से स्कॉडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजीशन)तकनीक के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल बढ़ाने की जरूरत: नरेंद्र मोदी
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश की आर्थिक वृद्धि और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की दर को तेज करने तथा केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया है। श्री मोदी ने राजधानी में नीति आयोग की संचालन परिषद की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विकसित भारत अब देश के हर नागरिक की आकांक्षा बन गया है। उन्होंने कहा, हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। अगर केंद्र और सभी राज्य एक साथ आएं और टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत अब हर नगरिक का लक्ष्य बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, जब प्रत्येक राज्य विकसित होगा, तो ही भारत विकसित होगा। यह देश के 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है। मोदी ने अर्थव्यस्था में महिलाओं की भूमिका बढ़ाये जाने पर बल देते हुए कहा, हमें कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में काम करना चाहिए। हमें ऐसे कानून, नीतियां बनानी चाहिए, जिससे उन्हें कार्यबल में सम्मानपूर्वक शामिल किया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहा, हमें इस तरह से काम करना चाहिए कि लागू की गयी नीतियां आम नागरिकों के जीवन में बदलाव लायें। जब लोग बदलाव महसूस करते हैं, तभी यह बदलाव को मजबूत करता है और बदलाव को एक आंदोलन में बदल देता है। उन्होंने कहा, एक टीम के रूप में हमारे पास 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक शानदार अवसर है। हमें इस लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि 2047 तक भारत को विकसित बनाना। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हर राज्य विकसित हो, हर शहर विकसित हो, हर नगर पालिका विकसित हो और हर गांव विकसित हो। उन्होंने कहा, अगर हम इन सभी दिशाओं में मिल कर काम करेंगे, तो हमें विकसित भारत बनने के लिए 2047 तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्यों को वैश्विक मानकों के अनुरूप और सभी सुविधायें और बुनियादी ढांचा प्रदान करके हर राज्य में कम से कम एक पर्यटन स्थल विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस रणनीति से पर्यटन स्थल के आस पास के शहरों का पर्यटन स्थल के रूप में विकास भी होगा। उन्होंने कहा, भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। विकास, नवाचार और स्थिरता हमारे शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए।